ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को गुरू कहा जाता है. इन्हें नौ ग्रहों में अत्यधिक शुभ ग्रह माना गया है. बृहस्पति ज्ञान, शिक्षा, धार्मिक कार्य, धन और संतान के कारक माने जाते हैं. ये धनु और मीन राशि के स्वामी हैं. कर्क इनकी उच्च राशि और मकर इनकी नीच राशि मानी गई है.
ज्योतिष के अनुसार, किसी कुंडली में अगर बृहस्पति के साथ सूर्य की युति शुभ स्थिति में है तो ऐसा व्यक्ति कुशाग्र बुद्धि वाला, किस्मती, मान सम्मान पाने वाला और नेक दिल होता है. वहीं बृहस्पति और चंद्रमा की शुभ स्थिति व्यक्ति को भाग्यवान और सुखी बनाती है. बृहस्पति के साथ मंगल ग्रह की युति शुभ स्थिति में होने पर व्यक्ति धनवान और विवेकी बनता है. अगर बृहस्पति और बुद्ध की युति शुभ स्थिति में है तो व्यक्ति सुखी जीवन जीने वाला होता है. बृहस्पति और शुक्र की युति शुभ होने पर भाग्यवान और मान-सम्मान पाने वाला होता है. बृहस्पति और शनि की युति शुभ स्थिति में व्यक्ति को समझदार और उपदेशक बनाती है. बृहस्पति-राहु की युति जहां शत्रुओं पर विजय पाने वाला बनाती है, वहीं बृहस्पति-केतु की युति व्यक्ति को सुखी जीवन जीने वाला बनाती है.