बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धाओं की संख्या ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस साल एक महीने से भी कम समय में अमरनाथ यात्रा के दौरान पिछले साल के साढ़े चार लाख तीर्थयात्रियों के आंकड़े को पार कर लिया है। रविवार को भारी बारिश के बीच जम्मू-कश्मीर में 1,677 तीर्थयात्रियों का 31वां जत्था बेस कैंप से अमरनाथ गुफा की ओर रवाना हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस जत्थे में 1,300 से अधिक पुरुष और 200 महिलाएं शामिल हैं।
ये भी पढ़ें- कैसे प्रकट होते हैं बाबा बर्फानी, जानें अमरनाथ गुफा से जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में !
साढ़े चार लाख के पार हुआ तीर्थयात्रियों के पहुंचने का आंकड़ा
वहीं इससे पहले शनिवार को 7,145 शिव भक्तों ने पवित्र गुफा के दर्शन किए। इसके साथ ही 29 दिनों में तीर्थयात्रियों का आंकड़ा बढ़कर 4,51,485 के पार पहुंच गया। बता दें कि साल 2023 में 62 दिन की अमरनाथ यात्रा के दौरान करीब 4 लाख 45 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे। वहीं इस साल 52 दिनों की ये यात्रा 19 अगस्त तक चलेगी। इस साल करीब 5 लाख से ज्यादा शिव भक्तों के यहां पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
28 जून को हुई थी अमरनाथ यात्रा की शुरुआत
28 जून 2024 को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर अमरनाथ यात्रा की शुरुआत की थी। इस साल अब तक साढ़े चार लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने गुफा मंदिर में प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के शिवलिंग (बाबा बर्फानी) के दर्शन किए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पवित्र गुफा में रोजाना करीब 8 से 10 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
कैसे प्रकट होते हैं बाबा बर्फानी ?
अमरनाथ गुफा में बर्फ की एक छोटी शिवलिंग सी आकृति बनती है, जो लगातार 15 दिनों तक रोज थोड़ी-थोड़ी बढ़ती जाती है। 15 दिन में इस शिवलिंग की ऊंचाई 2 गज से ज्यादा हो जाती है। चंद्रमा के घटने के साथ ही शिवलिंग का आकार भी घटने लगता है और उसके लुप्त होने पर शिवलिंग भी अंतर्ध्यान हो जाता है।